सब कुछ मिट गया जहाँ मे,
न मिट सकी तो बस याद किसी की |
दिल भूल ही नहीं पाता वो प्यार के चार पल,
होठो पे है फ़रियाद किसी की ||
आँखों से छलकते है समंदर मेरे,
जब हर आहट मे आती है आवाज़ किसी की |
लाख कोशिशें करता हूँ खुश रहने की,
पर दिल भर आता है सोचके वो मुलाकात किसी की ||
लोग पूछते हैं मुझसे मेरे रोने का सबब,
मेरे रोने से है ज़िन्दगी खुशहाल किसी की |
वो कहते थे जिया न जायेगा तुम बिन,
मुझे तड़पता देख आती है बहार किसी की ||
ये मेरे दिल के टूटने की आवाज़ है ज़ालिम,
उन्हें लगता है फिर सुनाई दी झंकार किसी की |
सारा ज़हाँ बेगाना सा लगने लगा है,
क्या इस क़दर होती है हस्ती बर्बाद किसी की ||
By- Raghav Singh