जिसने सब कुछ हासिल कर लिया हो,
मैंने उनको कुछ खोते देखा है |
जिसने कर दिया हो बेचैन किसी को,
मैंने उन्हें चैन से सोते देखा है |
जिसने किसी की खातिर भुला दिया जहाँ को,
मैंने उसे सपने पिरोते देखा है |
जिसने खायी हो ठोकर बीच राह में,
मैंने उन्हें फिर सम्भलते देखा है |
जिसने पूरा किया हो हर एक वादे को,
मैंने उन्हें अक्सर अकेले देखा है |
जिसने थाम कर किसी को चलना सिखाया हो,
मैंने उन्हें भी फिसलते देखा है |
जिसने सुला दिया सुकून से किसी को,
मैंने उन्हें करवट बदलते देखा है |
जिसने सामने ठुकराया हो प्यार किसी का,
मैंने उन्हें मुड़ कर पलटते देखा है |
जिसने पत्थर बनकर सहा हो दर्द किसी का,
मैंने उस पत्थर को रोते देखा है |
By- Raghav Singh